सच बोलो यार

Tuesday, April 8, 2014

तेरा

आज तुम व तेरे नयन मैं अपने सपनों में नहीं , दिन भर अपने सामने देख रहा हुम
तो जी ने कहा
यह तेरा लफ्ज़ में क्या खूबी है, जो मुझको इतना सताती है
ज़रूर कोई जादू जैसा कुछ है, जो दिन भर लुभाता है
तेरा शब्द से जो गाने मैं ने इन पचास सालों में सूना था और आज भी, मेरे कानों में गूँज रहे हैं, उनकी याद मैं मैं डूबा हुम
दर असल यह कहने कि बात नहीं, दिल की बात है, अपने अनुभव कि बात है

आप भी सुनिये 
aaj tum aur tere nayan ithne sundhar hain, tho main sochne lagha, yah lafz " tere " mein kya jaadho hai jo mujko ithna lubha rahaa hai. hargiz kahoo, to yah shabhd hi mujhe madhu jaisa ho gaya hai. to is shabhd se jo koyee gaana main ne ithne saalon mein sunaa thaa, aur aaj bhi mere kaanon mein goonj raaha hai, unki yaadh kartha hum. yaadh na jaaye bhooe dinon ki, kahthe hain na. ab yah gaane suniye.
तेरे नैना
तेरे नैना 

नैना मार हि डालेंगे
tere naine bada katil  तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं हैं।
ओह ! जहाँ मिले। ।हम संग हैं  आखिर तुम एक दिन मुझे छोड़ के चले जावोगी, तो यह मेरा दिल का क्या हाल होगा
सुनो तो
aakir tum kahin jaa bhi gaye to mera dil kaise tharasega teraa jana dhil ke armaano ka lut jaana

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