इन अखियों में क्या हि जादू है
जो सदा अपना दिल तड़पाये
मन उलजाये
नींद न आये
सोचता रहा तो
ये गाने फिर याद आये.
*************************************जो सदा अपना दिल तड़पाये
मन उलजाये
नींद न आये
सोचता रहा तो
ये गाने फिर याद आये.
अक्कियों में अक्कियां डाल के
अखिया मिलाव कभी अखियान चुराव
ऐसा कहूँ
तो समझो
दर असल सच है.
नैनों की यह फ़साना
हर दिल पे बसा है , फंसा है, आज भी
क्यों, अब से
नौ हज़ार साल बाद भी
नयी रहेगी. .
जब तक सूरज चंदा चमके
गंगा में बहे पानी
रहे तब तक प्रीत अमर अपनी
यह जनम जनम की।
ये अखियाँ सदा रहे
सुनदर , सुरील, और सारे जगत के सुगंद साथ लेके
+Rajiv Dubey
+Akshi Gupta
यह भी देखिए.
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