सच बोलो यार

Tuesday, May 4, 2010

मन की भावनाएं भी कितनी अजीब हैं ?

मन की भावनाएं भी कितनी अजीब हैं ?
हर एक का मन एक ऐसी  गुफा हैं मानो उसमें तरह तरह के जानवर भी होते हैं.
कुछ घरेलु हैं लेकिन कुछ जानवर तो जंगल के

दुनिया में लोग बहुत अच्छे हैं.  लेकिन उसी दुनिया में बुरे भी बहुत हैं.
बड़ी मुश्किल है कि मनुष्य के चेहरे को देख उसका स्वभाव बताएं कोई.

फिर भी कहते हैं मन दर्पण है.
कैसे ?

सुनिए. 

थोडा मन दर्पण कहलाये    आशा भोसले  ....काजल फिल्म में.
thora man darpan kahlaye asha bhosle khajal



मन पागल है. यहाँ सुनिए.
मन मोरा बावरा ..निष् दिन गाये गीत मिलन की  .  
मुहमद रफ़ी गाते हैं. 
man mora bavra nish din gaaye geeth milen ke
md rafi sings for kishore. OP Nayyar 1958 raagini film




मेरे मन की गंगा...    राज कपूर और वैजयंती माला ....संगम फिल्म 
mere man ki ganga...raj kapoor vyajayanthi mala sangam


भाभा मन की आंखें खोल ...      पंकज मालिक गाते हैं.
baba man ki ankhen khol pandey pankaj malick


मन रे तू काहे न धीर डरे ...मुहमद रफ़ी का गाना
man re tu kahe na dheer dhare md rafi chithralekha 1964

No comments: